माझ्या रसिक प्रेम पाखंरा ...............!!
8 Jun 2012
काहूर
या मनी तू तरी
फाटला उर का ?
पेटली आसवे
कोरडा धूर का ?
संगराच्या क्षणी
थांबला दूर का ?
तीळ गाली तुझ्या
आरसा चूर का ?
सोडला हात अन
आत काहूर का ?
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