जैसे जैसे पाता गया, वैसे वैसे खोता गया /
जैसे जैसे बांटता गया, वैसे वैसे पाता गया /
स्वार्थ मे सच कडवा होता है /
परमार्थ मे सच मीठा होता है /
बातचीत में हारजीत /
सहयोग में जीत हि जीत /
सब कि सेवा रब कि सेवा /
तुम खुद खुदा हो ,
अगर खुदा से जुदा न हो /
जैसे जैसे बांटता गया, वैसे वैसे पाता गया /
स्वार्थ मे सच कडवा होता है /
परमार्थ मे सच मीठा होता है /
बातचीत में हारजीत /
सहयोग में जीत हि जीत /
सब कि सेवा रब कि सेवा /
तुम खुद खुदा हो ,
अगर खुदा से जुदा न हो /
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