5 Sept 2012

शेरो शायरी

जिंदगी है तो ख्वाब है ,
ख्वाब है तो मंजिले है ,
मंजिले है तो मुश्किले है ,
और मुश्कीलोसे लडनाही जिंदगी है।

सबकी नजरे उठी रोशनी हुई जो मेरे घर में,
सबकी नजरे उठी रोशनी हुई जो मेरे घर में,
उन्हे क्या खबर खुद को जलाकर रोशनी कि हमने,
खुद को जलाकर रोशनी कि हमने।

हमको मिटा सके ये,
जमाने में दम नही,
हमसे जमाना खुद है,
जमाने से हम नही।

हवा से कह दो
अपनी औकात मी रहे,
हम पैरो से नही,
हौसलो से उडा करते है।

मंजिले उन्हीको मिलती है,
जिनके सपनो में जान होती है,
पंख से कूछ नही होता,
हौसलो से उडान होती है।

    

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