24 Sept 2012

शेरो शायरी

 कागज अपने नसीब से उडता है,
पार कागज कि बनी पतंग अपनी काबिलीयत से,
इसीलिये नसीब के भरोसे मत बैठो,
कबिल बानो तरक्की तो झक मारके तुम्हारे पिच्छे आयेगी...........!!!

परिंदो को नही दि जाती है,
तालीम उडांनो कि,
वो खुद तय करते है मंजिल आसमानो कि,
राखता हो जो हौसला आसमान छुने का,
उसे परवाह नही होती गिर जाने कि..............!!!

दुनिया का हर शौक पाला नही जाता,
कांच के खिलोनो को उछाला नही जाता,
मेहनत करनेसे मुश्कील हो जाती है आसान,
क्योंकी हर काम तकदीरो पार टाला नही जाता..........!!!

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