निदा फाजली ने क्या खूब कहा है.......
"उसके दुश्मन बहोत है ......,
आदमी जरूर अच्छा होगा..............
कुछ पाल बैठा करो बुजुर्गो के पास.........
हर चीज नहीं मिलती गुगल के पास ........
मुस्कुराहट.......!!! एक कमाल की पहेली है........
जितना वो बताती है ...... उससे कहीं ज्यादा छिपाती है .......
लब्ज हि ऐसी चीज है जिसकी वजह से इन्सान ,
या तो दिल में उतर जाता है, या दिल से उतर जाता है ........
कैसे शुक्र करू 'तेरी रहमतों का ए खुदा .......
मुझे मांगने का सलीका नहीं है ,
पर तु देने की हर अदा जानता है..............
मशहूर होने का शौक किसे है .......
हमें तो हमारे अपने ही ठीक सें पहचान लें ,
तो भी ठीक है .........
काफी दिनों से कोई नया जख्म नहीं मिला ,
जरा पता तो करो अपने है कहां ..........??
जिंदगी ने दिया है जब इतना बेशुमार यहाँ ....,
तो फिर जो नहीं मिला उसका हिसाब क्यों रखें ........??
"उसके दुश्मन बहोत है ......,
आदमी जरूर अच्छा होगा..............
कुछ पाल बैठा करो बुजुर्गो के पास.........
हर चीज नहीं मिलती गुगल के पास ........
मुस्कुराहट.......!!! एक कमाल की पहेली है........
जितना वो बताती है ...... उससे कहीं ज्यादा छिपाती है .......
लब्ज हि ऐसी चीज है जिसकी वजह से इन्सान ,
या तो दिल में उतर जाता है, या दिल से उतर जाता है ........
कैसे शुक्र करू 'तेरी रहमतों का ए खुदा .......
मुझे मांगने का सलीका नहीं है ,
पर तु देने की हर अदा जानता है..............
मशहूर होने का शौक किसे है .......
हमें तो हमारे अपने ही ठीक सें पहचान लें ,
तो भी ठीक है .........
काफी दिनों से कोई नया जख्म नहीं मिला ,
जरा पता तो करो अपने है कहां ..........??
जिंदगी ने दिया है जब इतना बेशुमार यहाँ ....,
तो फिर जो नहीं मिला उसका हिसाब क्यों रखें ........??
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