घड़ी घड़ी की बात है वक्त बीतता जाता है....., छूट गया जो हाथ से वो लौट कभी ना आता है.....
मुड़ गए जिस राह से वह राह पीछे रह गई..., जिस वक्त ए समझ आया तब जिंदगी की भोर हुई....
कल का अफसोस छोड़कर आज नई उमंग भरी...,घड़ी की तरह दौड़ो भागो जिंदगी है रफ्तार भरी....
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