17 Sept 2021

घड़ी

घड़ी घड़ी की बात है वक्त बीतता जाता है....., छूट गया जो हाथ से वो लौट कभी ना आता है.....

मुड़ गए जिस राह से वह राह पीछे रह गई..., जिस वक्त ए समझ आया तब जिंदगी की भोर हुई....

कल का अफसोस छोड़कर आज नई उमंग भरी...,घड़ी की तरह दौड़ो भागो जिंदगी है रफ्तार भरी....

8 Sept 2021

लाजाळू

उमलून येता रुप तुझे भासे पुंजक्या परी... 
पाहता तुला जणू बरसती अलगद श्रावण सरी... 

स्पर्ष होता मिटून घेसी एक एक पाकळी... 
शरमेने चंद्र लुप्त होतसे जसा रोज आभाळी....