17 Feb 2015

मोहब्बत




जब खामोश आंखो से बात होती है
ऐसेही मोहब्बत कि शुरुआत होती है
खयालों मे खोया राहता हुं ,
पता नही कब दिन और कब रात होती है …………

मेहरबानी



 आंखो मैं जो पानी  है
हुस्न वालोंकी ये मेहरबानी हैं
आप क्यो सर झुकाये बैठे है
क्या आपकी भी यही कहानी हैं ………..........

शायरी

कभी कभी ऐसा होता है , प्यार का असर दर से होता है ,
आपको क्या लगता हम आपके बारे में कुछ नाही सोचते
पार हमारी हर बात में आपका जिक्र होता है ……………

देख के आपकी जवानी को ,
आरंजू ए शराब होती है ,
रोज तौबा को भुलत हुं मैं
रोज नियत खराब होती है ………….